जुलाई महीने में सिर्फ दो ग्रह ही बदलेंगे अपनी चाल, इन चार राशियों के लिए शुभ रहेगा महीना ज्योतिषाचार्य डॉ उमा शंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव ने बताया की जुलाई के महीने में सभी 9 ग्रहों में सिर्फ दो ग्रहों का ही राशि परिवर्तन होगा। इसके अलावा इसी महीने 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण भी होगा। जब-जब ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है तो सभी 12 राशियों पर इसका असर होता है। जुलाई के महीने में सिर्फ सूर्य और बुध ग्रह परिवर्तन होगा। सूर्य- 17 जुलाई को सूर्य का राशि परिवर्तन होगा। सूर्य इस दिन कर्क राशि में प्रवेश करेगा। सभी ग्रहों में सूर्य को राजा की पदवी मिली हुई है। ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश का कारक ग्रह माना जाता है। चंद्रमा- चंद्रमा हर ढाई दिनों में राशि बदलता है। जुलाई के महीने में चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को लगेगा। ग्रहण  भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा पर मात्र पृथ्वी की धूमिल सी छाया पड़ेगी। मंगल जुलाई के महीने में मंगल का कोई भी राशि परिवर्तन नहीं होगा। पूरे महीने मंगल मीन राशि में रहेगा। ग्रहों में मंगल को सेनापति कहा जाता है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति का क्रोध बढ़ जाता है और जमीन से जुड़े हुए विवाद होने लगते हैं। बुध- 12 जुलाई को बुध वक्री से मार्गी हो जाएगा। बुध मौजूदा समय में मिथुन राशि में है। गुरु-  30 जून को गुरु का राशि परिवर्तन हुआ था। अब इस महीने में गुरु का कोई भी राशि परिवर्तन नहीं होगा। गुरु मकर राशि में 20 नवंबर को प्रवेश करेंगे और वर्ष पर्यंत उसी राशि में विचरण करेंगे। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीचराशिगत माने गए हैं। इनके राशि परिवर्तन का पृथ्वी वासियों पर प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाई देता है। शुक्र सुख और संपन्नता का कारक ग्रह शुक्र होता है। जुलाई में पूरे महीने शुक्र वृष राशि में रहेगा। इसके पहले शुक्र ग्रह 25 जून को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर अपनी वक्री अवस्था समाप्त करके मार्गी हो गया था। फलित ज्योतिष में शुक्र संतान सुख, विलिसिता, मकान-वाहन का सुख, तेज, सौंदर्य, दांपत्य, प्रेम सम्बन्ध, सुगंधित वस्तुओं, गुप्तरोगों, ब्रह्मचर्य एवं उत्तम चरित्र आदि के कारक हैं। बृषभ एवं तुला राशि के स्वामी शुक्र कन्या राशि में नीचराशिगत एवं मीन राशि में उच्चराशिगत माने गए हैं।  शनि  सबसे धीमी चाल चलने वाला ग्रह शनि ही होता है। यह करीब ढाई साल में अपनी राशि बदलता है। शनि के एक राशि में दोबारा आने के लिए 30 साल तक का समय लेता है। शनि अभी मकर राशि में है। शनि इससे पहले 11 मई को वक्री हुआ था। राहु-केतु की स्थिति राहु-केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। अभी राहु और केतु में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा। मौजूदा समय में राहु मिथुन में और केतु धनु राशि में है। जुलाई माह में राशियों पर प्रभाव शुभ- वृष, मिथुन, कुंभ और कन्या  अशुभ- मेष, मीन, धनु और तुला बाकी राशियों पर मिला जुला प्रभाव रहेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ उमा शंकर मिश्रा ज्योतिषाचार्य आकांक्षा श्रीवास्तव   Adtrovinayakam0630@gmail.com