[12:06 AM, 12/28/2019] Pandit Umashankar Mishra Ji: ज्योतिष/ जन्मकुंडली काउंसलिंग द्वारा बच्चों में बुद्धि का स्तर ( IQ LEVEL) बढ़ाये ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र 94150 87711 923 57 22996 बौद्धिक क्षमता मानसिक कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल है। बौद्धिक स्तर / बौद्धिक क्षमता के लिए जरुरी सभी गुणों एवं विशेषताओं का ज्योतिषीय ग्रहो से सम्बन्ध है . सभी ग्रह किसी न किसी विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते है और जन्म कुंडली में ग्रहो की परिस्थिति के अनुसार व्यक्तित्व में प्रभाव देखा जा सकता है .. अक्सर देखने में आता है कुछ बच्चे दूसरों के सामने बातचीत करने में भी हड़बड़ा जाते हैं और सामने वाले पर प्रभाव नहीं डाल पाते। प्राय: इंटरव्यू देते समय ऐसी स्थिति बनती है , साथ ही अन्य कई समस्याएं जैसे की निर्णय लेने में कठिनाइयाँ सपनों को पूरा करने में असमर्थता दृढ़ता का अभाव ऐसा यदि बच्चो के साथ बार-बार हो रहा है तब उनकी कुंडली पर नजर डालें। शास्त्रों के अनुसार एक बच्चे से दूसरे बच्चो में बौद्धिक क्षमता में फर्क का कारन जन्मकुंडली के ग्रहो की अलग अलग परिस्थिति जिम्मेदार होती है | जन्म कुंडली के अध्ययन के आधार पर बच्चो के बौद्धिक स्तर / बौद्धिक क्षमता के लिए जन्मकुंडली के जरुरी ग्रहो की परिस्तिथि में जितना ज्यादा अंतर होता है, बच्चा उतना ही पीछे रह जाता है | कुशल ज्योतिषियों द्वारा बच्चो की जन्मकुंडली के ग्रहो का आकलन करके उसके बात-चीत का तरीका, संस्कार, सकारात्मक या नकारात्मक सोच, पसंद-नापसंद, बातचीत में सहजता, आचार -विचार, मान्यताएं, व्यवहार कुशलता, विषम परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता, कुछ नया सीखने की जिज्ञासा, मनोभावों का नियंत्रण, शारीरिक व मानसिक प्रबलता, आत्मविश्वास आदि परिस्थितियों का सचोट अनुमान लगाया जा सकता है | बौद्धिक स्तर / बौद्धिक क्षमता विकास में सहायक कुंडली के ग्रह IQ LEVEL के सबसे शक्तिशाली पहलू हैं : आत्मविश्वास एवं आत्मबल 1. सूर्य :-- इच्छाशक्ति , न्यायप्रियता , शारीरिक ऊर्जा , जागरुकता आत्मविश्वास का प्रतीक होता है। 2. चन्द्रमा :-- चंद्रमा उच्च कल्पनाशील, दृढ़ निश्चयता और मन का करक है। चन्द्रमा और इसकी स्थिति व्यक्ति के भावनात्मक अनुभवों को दर्शाती है जो उसे मानसिक तौर पर प्रभावित करते हैं। 3. मंगल :-- मंगल शक्ति ,शानदार व्यक्तित्व मजबूत इच्छाशक्ति , हौसला और स्वभाव से आक्रामक, निर्णायक, उतावले स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है । 4. बुध :-- बुध मस्तिष्क से संबंधित है। यह ज्ञान तथा बुद्धि देने वाला है | बुध वाणी , का कारक है। 5. वृहस्पति :-- वृहस्पति बुद्धि ,ज्ञान , सम्मान , दया और न्याय का करक ग्रह है। बृहस्पति भाग्य को सुधारता है। 6. शुक्र गोरे रंग का नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व ,सौंदर्य का प्रतीक होता है। 7. शनि व्यक्ति को न्याय प्रिय बनाता है शनि आत्म सीमा, अनुशासन और योजना के माध्यम से शक्ति प्रदान करता है। 8. राहू यह तीक्ष्ण बुद्धि , वाक्पटुता , आत्मकेंद्रिता ,स्वार्थ , आलस्य छल - कपट ( राजनीति ) , तस्करी ( चोरी ), , जुआ का प्रतीक होता है। 9. केतु से प्रभावित पुरुष कुछ भ्रमित सा रहता है मन में अस्थिरता होती है आदि आदि …… कुशल ज्योतिषिओ के माध्यम से कुंडली का आकलन और कैलकुलेशन करके बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरुरी ग्रहो के योगदान को जानते हुए एवं ज्योतिषीय उपायों द्वारा ग्रहो को मजबूती प्रदान करके किसी भी जातक के व्यक्तित्व को निखारा जा सकता है और गति प्रदान की जा सकती है और सम्भावनाओ को जानते हुए दिशा निर्देश अनुसार अपने अंतिम लक्ष्य तक सफलता से पहुंचा जा सकता है | [12:06 AM, 12/28/2019] Pandit Umashankar Mishra Ji: 🍓ज्योतिष वास्तु और संस्कार 🍓 ✡✡✡✡✡✡✡✡✡ ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्रा 94150 87711 http://www.astroexpertsolutions.com/ आपके लग्न अनुसार इन वस्तुओं को भोजन मै शामिल करें 🍏🍎🍐🍊🍋🍌🍉 आपने कभी कोई समस्या आने पर किसी ज्योतिष से सलाह जरूर ली होगी, उसने कोई रत्न पहनाया होगा। पर किसी ज्योतिष ने यह नही बताया होगा की आप अपने स्वस्थ हेतु इस भोजन या फल का सेवन करे, इसके भोजन मै लेने से आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा ,या इस फल का दान करे,इस अनाज को गरीब को बांटे ।जन्म पत्रिका का लग्न महत्वपूर्ण होता है, जो बदलते रहता है। अक्सर हम लग्न अनुसार रत्न पहनाकर जातक को मजबूत बनाते है । यदि हम उसे उसके लग्न अनुसार भोजन की सलाह दे तो ऐसी स्थिति मै उसे और बल मिल सकता है, आपके लग्न अनुसार आप किन फलों और अनाज का सेवन करे । यंहा एक बात और समझाना चाहूँगा की आप लग्न के साथ लग्न के मित्र ग्रहो के फल या अनाज का भी सेवन कर शक्ति और बल पा सकते हो,जैसे मेष लग्न हेतु सिंह, धनु,कर्क मित्र की वस्तुओ का सेवन कर सकते हो । मेष और वृश्चिक लग्न के जातक 🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒 मेष लग्न और वृश्चिक लग्न का स्वामी मंगल होता है ।लाल रंग का यह ग्रह अग्नि तत्व तथा तीखे व चटपटे रस का स्वामी हैं जो शरीर मे ऊर्जा,रक्त,पराक्रम एवं उत्साह प्रदान करता है इसे कुंडली के तीसरे व छठे भाव का कारक माना गया हैं ।इसकी अनुकूलता के लिए मसूर की दाल,अनार,गाजर,चौलाई,चुकंदर,टमाटर चाय,गुड,अनार,कॉफी,लाल सरसो आदि का प्रयोग करना चाहिए | वृषभ और तुला लग्न 🍚🍚🍚🍚🍚🍚🍚🍚 वृषभ और तुला लग्न का स्वामी शुक्र होता है ।सफ़ेद रंग का यह ग्रह जल तत्व खट्टा रस तथा सुगंधप्रिय होने से हमारे शरीर मे काम जीवन का नियंत्रण करता हैं यह कुंडली मे सप्तम भाव का कारक माना गया हैं इसकी अनुकूलता के लिए खीर,त्रिफला,कमलगट्टे,मुली,मखाने दालचीनी,भीगे बादाम,सफ़ेद मिर्च,सिंघाड़ा अचार व खट्टे फल का सेवन करना चाहिए | मिथुन और कन्या लग्न 🍏🍏🍏🍏🍏🍏🍏 मिथुन और कन्या लग्न का स्वामी बुध होता है । हरे रंग का यह ग्रह पृथ्वी तत्व व मिश्रित रस प्रधान हैं यह हमारी बुद्धि का प्रतीक होने से हमे बुद्धिमत्ता प्रदान करता हैं कुंडली मे इसे चतुर्थ व दशम भाव का कारक माना गया हैं |इसकी अनुकूलता के लिए इलायची,हरी मूंग की दाल,बथुआ,लौकी,हरा पेठा,मेथी,मटर,मोठ,अमरूद,हरी सब्जिया आदि का सेवन करना चाहिए| कर्क लग्न का स्वामी 🍥🍥🍥🍥🍥🍥🍥 कर्क लग्न का स्वामी चन्द्र ग्रह होता है ।सफ़ेद रंग का ये गृह हमारे शरीर मे हमारे मन व जल का प्रतिनिधित्व करता हैं |कुंडली मे चतुर्थ भाव का कारक होता हैं इसकी अनुकूलता के लिए सभी प्रकार के दूध व दूग्ध पदार्थ,चावल,सफ़ेदतिल,अखरोट, मिश्री आइसक्रीम,दही,मिठाईया आदि का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए| सिंह लग्न 🍉🍉🍉🍉🍉 सिंह लग्न का स्वामी सूर्य होता है। सूर्य ग्रह हमारे शरीर मे आरोग्यता,आत्मा,आत्मविश्वास,आँखें व हड्डियों का कारक होता हैं | कुंडली मे सूर्य प्रथम,नवम व दशम भाव का कारक माना जाता हैं सूर्य गुलाबी व सुनहरा रंग लिए हुये अग्नि के रूप मे कटु रस लिए हुये हैं | जिसकी शुभता गेहूं,दलिया,आम,गुड,केसर,तेजपत्ता,खुमानी,खजूर,छुहारा,किशमिश तथा घी आदि का सेवन करने से बढ़ती है | धनु और मीन लग्न हेतु 🍋🍋🍋🍋🍋🍋🍋🍋 धनु और मीन लग्न का स्वामी गुरु होता है ।पीले रंग का यह ग्रह आकाश तत्व व मीठे रस का कारक हैं जो हमारे शरीर मे गुर्दो व लीवर का प्रतिनिधित्व करता हैं कुंडली मे इसे दूसरे,पांचवे,नवे,तथा एकादश भाव भाव का कारक माना जाता हैं |इस ग्रह की अनुकूलता के लिए पपीता,मेथीदाना,शकरकंद,अदरक, चना,चनेदाल,सीताफल,संतरा,बेसन,मक्का,हल्दी,केला,सेंधा नमक तथा पीले फलो का सेवन करना चाहिए | मकर और कुम्भ लग्न 🍆🍆🍇🍆🍆🍇🍆 मकर और कुम्भ लग्न का स्वामी शनि हैं।काले व नीले रंग का यह ग्रह वायु तत्व व कसैले रस का अधिपति हैं जो हमारे शरीर मे कमर,पैर व स्नायु मण्डल का प्रतिनिधित्व करता हैं कुंडली मे इसे छठे,आठवे व बारहवे भाव का कारक माना जाता हैं|इसकी अनुकूलता के लिए काली उड़द,कुलथी,सरसों या तिल का तेल,काली मिर्च,जामुन,मंडवे का आटा,कालेअंगूर,मुनक्का,गुलकंद, अलसी,लौंग,काले नमक आदि का सेवन करना चाहिए | तो अब आप समझ ही गए होंगे की लग्न को मजबूत करने के साथ ही स्वस्थ को कैसे बेहतर बनाये । अब आपके पास एक समस्या आयगी की हम कैसे जाने की हमारा लग्न क्या है, हमारे लग्न के मित्र क्या है, क्या आप जानते हो की किस लग्न के जातक को किस रंग के कपड़े नही पहनना चाहिए ? सिंह लग्न वाले जातक यदि काले नीले कपड़े पहनते हैं तो क्या समस्या आ सकती है क्या रंगों का असर हमारे जीवन पर हमारे स्वास्थ्य पर हमारे कैरियर पर प्रभाव पड़ता है इसका अपना और अपने परिवार का कुंडली दिखाकर योग्य विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए Jivan Mein Aaye Hue Anek Anek pareshani ka Samadhan sujh Bujh ke dwara Kiya Ja sakta hai ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र सिद्धिविनायक ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र विभव खंड 2 गोमती नगर एवं वेद राज कंपलेक्स पुराना आरटीओ चौराहा लाटूश रोड लखनऊ 94 150 87711 92357 22996