चावल की तासीर कैसी होती है और इसे खाने के क्या-क्या आयुर्वेदिक फायदे हैं? Jyotishacharya Dr Umashankar mishr--9415087711 चावल खाना हर किसी को अच्छा लगता है।बच्चे हो या बूढ़े सभी को चावल खाना अच्छा लगता है। चावल जहां जल्दी पच जाने वाला भोजन है। वहीं यह खाने में भी स्वादिष्ट लगता है। परंतु आज हम बात करेंगे कि इसकी तासीर कैसी होती है और इसके आयुर्वेदिक फायदे क्या हैं ? आइए जानते हैं- चावल की तासीर- चावल की तासीर ठंडी होती है। इसलिए जिन लोगों को सर्दी,जुकाम, नजला या जोड़ों में दर्द इत्यादि की समस्या हो उन लोगों को चावल नहीं खाना चाहिए।अगर वे लोग खाते भी हैं तो जिन चावलों में लोंग, इलाइची, तेजपत्ता इत्यादि डला हुआ ऐसे चावल खाने चाहिए। आयुर्वेदिक दृष्टि से चावल के फायदे - अगर पेट खराब है ,दस्त आ रहे हैं या पेट में दर्द है तो चावल खाने से पेट से संबंधित बीमारियां ठीक हो जाती है।इसकी हम खिचड़ी बनाकर भी खा सकते हैं। पचाने में आसानी - चावल ऐसा हल्का भोजन है जिसे पचाने में बहुत ही आसानी होती है। यह बहुत ही जल्दी पच जाता है। इसीलिए इसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक खा सकते हैं। खाने में आसानी - बुजुर्ग लोग और छोटे बच्चे जिनके अभी दांत नहीं आए हैं वे लोग भी चावल खा सकते हैं। इसे चबाना आसान होता है। आंखों के लिए- चावल खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है ।यह शीतलता प्रदान करता है। चावल की अगर हम खीर बनाकर खाते हैं तो यह शीतलता प्रदान करती है।परंतु इसे किसी भी नमकीन पदार्थ के साथ नहीं खाना चाहिए। वजन बढ़ाने में फायदेमंद - जो लोग पतले हैं ,जो अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए चावल बहुत ही अच्छा भोजन है।परंतु अगर वे चावल और रोटी दोनों चीजें मिलाकर खाते हैं तो इससे वजन बहुत ही जल्दी बढ़ता है। किन लोगों को नहीं खाना चाहिए - जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई बीमारी है या फिर जिन लोगों को गैस अधिक बनती है या फिर इसके अलावा जिन्हें कब्ज रहती है।उन लोगों को चावल नहीं खाना चाहिए। किस समय खाना ज्यादा उचित होता है- चावल की तासीर ठंडी होती है। इसीलिए इसे दिन में ही खाना चाहिए।अगर हम इसे रात को खाते भी हैं तो इसमें लोंग ,इलाइची ,तेजपत्ता इत्यादि डालकर खाना चाहिए। ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥ 🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸