आनंद रामायण में भगवान् राम ने खुद मनुष्य के ७ सबसे बड़े अवगुणों के बारे में बताया है, जिनका अंत करके हम एक नए और बेहतर जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। ये सात अवगुण कौन से हैं, इस श्लोक से जानते हैं: --Jyotishacharya Dr Umashankar Mishra--9415087711 1. आवश्यकता से अधिक निद्रा: एक स्वस्थ मनुष्य को ६-८ घंटे की निद्रा पर्याप्त होती है, इससे अधिक सोना आलस्य की प्रवृत्ति का सूचक है और आलसी मनुष्य घर के प्रति अपनी जिम्मेदारियां कभी पूरी नहीं कर सकता। ज्यादा सोने वाला व्यक्ति आलसी के साथ-साथ कामचोर भी हो जाता है। ऐसे मनुष्य को हर काम को टालने की आदत लग जाती है। साथ ही साथ देर तक सोना कई बीमारियों को भी निमंत्रण देता है। इसलिए, ज्यादा सोने की आदत से बचना चाहिए। 2. आलस्य: महाभारत में बताया गया की आलस्य और निद्रा मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु होते है। आलसी व्यक्ति जीवन में किसी भी अवसर का लाभ नहीं ले पाता।आलसी मनुष्य अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करता और सबकी नजरों में बुराई का पात्र बनता जाता है। आलसी व्यक्ति ना तो अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहता है, और ना ही अपने कर्मों के प्रति। आलस्य को जितनी जल्दी हो सके त्याग देना चाहिए। 3. मदिरापान यानी शराब पीना: नशा करने की या शराब पीने की आदत को मनुष्य के सबसे बड़े अवगुणों में गिना जाता है। नशे में व्यक्ति को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता और कई बार वह ऐसे काम भी कर देता है, जिसके लिए उसे जिंदगी भर पछताना पड़ता है। नशे में की गई गलतियों की सजा न सिर्फ उस व्यक्ति को बल्कि उसके पूरे परिवार को भी भुगतना पड़ता है। नशा करने वाला मनुष्य अपने मान-सम्मान के साथ-साथ धन-सम्पत्ति का भी नाश कर लेता है। इस दोष से हमेशा दूर रहना चाहिए। 4. जुआ: जुआ भी मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक है। जुआ खेलने वाला व्यक्ति जुए का गुलाम हो जाता है, इसकी लत लग जाने पर व्यक्ति जुए के अलावा और किसी भी चीज के बारे में नहीं सोच पाता। वह लालची हो जाता है और अपना सब कुछ लुटा बैठता है। जुए के कारण ही पांडव अपना सब कुछ हार बैठे थे और उन्हें कईं वर्षो तक उन्हें वन में भटकना पड़ा था। जुआरी खुद के साथ-साथ अपने परिवार की बर्बादी का कारण भी बनता है। इसलिए जुए से हमेशा दूर रहना चाहिए। 5. परायी स्त्री के प्रेम में पड़ना: परायी स्त्री के चक्कर में पड़ने को लगभग हर ग्रंथों में निंदनीय बताया गया है। जो व्यक्ति अपनी स्त्री को छोड़कर दूसरी स्त्रियों के चक्कर में पड़ जाता है और हर वक्त उनके आगे-पीछे घूमता रहता है, वह किसी भी समय स्त्री के साथ बुरा व्यवहार कर सकता है। ऐसे व्यक्ति के मन में बुरी भावनाएं उत्पन्न होती रहती हैं। वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और अपराध तक करने में कोई संकोच नहीं करता। साथ ही ऐसे मनुष्य के गृहस्थ जीवन में भी अविश्वास और तनाव बना रहता है। यह अवगुण मनुष्य के सबसे बड़े अवगुणों में से एक है, इससे बचना चाहिए। 6. ज्यादा खेल-कूद में वक्त बर्बाद करना: खेलना-कूदना कई लोगों का शौक होता है और प्रोफेशन भी, अगर ये आपका प्रोफेशन है तो ठीक है लेकिन अगर ये सिर्फ आपका शौक है और आप अपना ज्यादातर समय अपने शौक को पूरा करने में ही लगा रहे हैं तो वक्त है सावधान हो जाने का; खेल कूद में समय बर्बाद करने वाला व्यक्ति अपने कर्मों और जिम्मेदारियों से भी दूर होता जाता है और कई अन्य परेशानियों को आमंत्रित करता है, इसलिए खेल कूद में ज्यादा समय बर्बाद करने से बचें। 7. शिकार करना: शिकार करना या जीव हत्या करना भी बहुत लोगों का शौक होता है। आधुनिक समाज में या यूँ कहें कि शिकार करने को राजाओं -महाराजाओं के समय से ही स्टेटस सिंबल मानागया है; और जो लोग शिकार नहीं करते है वह भी जाने अनजाने में कई बार निर्दोष जीवों कीहत्या कर जाते हैं।जीव हत्या पाप है। और ऐसा करने से मनुष्य को इसकेबुरे परिणाम किसी नकिसी रूप में भुगतने ही पड़ते हैं ।इसलिए, हर किसी को शिकार करने की आदत छोड़ देना चाहिए और जीवों पर दया करनी चाहिए। श्लोक-निद्रालस्यं मघपानं धूतं वाराड्गनारतिः। अतिक्रीडातिमृगया सप्त दोषा नृपस्य च।