कालसर्प योग निराकरण हेतु कुछ आसान उपाय 🐍 Jyotishacharya. Dr Umashankar mistri-9415087711🐍 1) माह की पंचमी को शिव मन्दिर जाकर नागदेव् को कच्चा दूध अर्पित करे । 2) चन्दन का इत्र नाग देव को लगाये। 3) सर्प सूक्त का पाठ करे । 4) पंचमी को काले नीले कपड़े नही पहने । 5) हर पंचमी को बेल मे लगी सब्जी जैसे लौकी, गिलकी, अंगूर,कद्दू,आदि का इस्तेमाल नही करे । 6)नाग देव के समीप दीपक नही जलावे । 7) पंचमी को तम्बाकू, शराब,सिगरेट या नशे की कोई वस्तु का इस्तेमाल नही करे । 8) जिसने कालसर्प दोष की पूजा करवाई हो वो एक साल तक हर नशे से दूर रहे । 9) घर मे मोर पंख रखे ,रोज सुबह नहाकर 7 बार सिर से पाँव तक मोर पंख से झाड़ा करे । 10) हथेली पर पंचरंगी मौली बांधे । 11) माँ सरस्वती जी की आराधना करे। 12) आजीवन भोजन रसोईघर मे ही करे, किसी भी स्थिति मे बिस्तर पर बैठकर भोजन नही करे । 13) जूते चप्पल पहन कर कभी भोजन नही करे । 14) जब कभी रास्ते मै मृत नाग मिले उसका दाह संस्कार करावे । 15) नाग की पूजा करके उसे संपेरे से जंगल मे छुडावे । 16)कालसर्प योग वाला युवा श्रावण मास में प्रतिदिन रूद्र-अभिषेक कराए एवं महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज करें। जीवन में सुख शांति अवश्य आएगी और रूके काम होने लगेंगे। 17)यदि रोजगार में तकलीफ आ रही है अथवा रोजगार प्राप्त नहीं हो रहा है तो पलाश के फूल गोमूत्र में डूबाकर उसको बारीक करें। फिर छाँव में रखकर सुखाएँ। उसका चूर्ण बनाकर चंदन के पावडर में मिलाकर शिवलिंग पर त्रिपुण्ड बनाएँ। 21 दिन या 25 दिन में नौकरी अवश्य मिलेग‍ी। 18)यदि कुंडली में कालसर्प दोष है तो नित्य प्रति भगवान शिव के परिवार का पूजन करें। आपके हर काम होते चले जाएँगे। 19)यदि शत्रु से भय है तो चाँदी के अथवा ताँबे के सर्प बनाकर उनकी आँखों में सुरमा लगा दें, फिर किसी भी शिवलिंग पर चढ़ा दें, भय दूर होगा व शत्रु का नाश होगा। 20)यदि पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका में क्लेश हो रहा हो, आपसी प्रेम की कमी हो रही हो तो भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या बालकृष्ण की मूर्ति जिसके सिर पर मोरपंखी मुकुट धारण हो घर में स्थापित करें एवं प्रति‍दिन उनका पूजन करें एवं ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय अथवा ऊँ नमो वासुदेवाय कृष्णाय नम: शिवाय का यथाशक्ति जाप करे। कालसर्प योग की शांति होगी। 21)शिवलिंग पर प्रतिदिन मीठा दूध (मिश्री मिली हो तो बहुत अच्‍छा) उसी में भाँग डाल दें, फिर चढ़ाएँ इससे गुस्सा शांत होता है, साथ ही सफलता तेजी से मिलने लगती है। 22)नारियल के गोले में सप्त धान्य(सात प्रकार का अनाज), गुड़, उड़द की दाल एवं सरसों भर लें व बहते पानी में बहा दें अथवा गंदे पानी में (नाले में) बहा दें। आपका चिड़चिड़ापन दूर होगा। यह प्रयोग राहूकाल में करें। 23- प्रत्येक बुधवार को काले वस्त्रों में उड़द या मूंग एक मुट्ठी डालकर, राहु का मंत्रा जप कर भिक्षाटन करने वाले को दे दें। यदि दान लेने वाला कोई नहीं मिले तो बहते पानी में उस अन्न हो प्रवाहित करें। 72 बुधवार तक करने से अवश्य लाभ मिलता है। 24-)कालसर्प योग हो और जीवन में लगातार गंभीर बाधा आ रही हो तब किसी विद्वान ब्राह्मण से राहु और केतु के मंत्रों का जप कराया जाना चाहिए और उनकी सलाह से राहु और केतु की वस्तुओं का दान या तुलादान करना चाहिए। 25-)शिव के ही अंश बटुक भैरव की आराधना से भी इस दोष से बचाव हो सकता है। 26- )प्रथम पूज्य शिव पुत्र श्री गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। इसलिए कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए गणेश पूजा भी करनी चाहिए। 27-)पुराणों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण ने कालिय नाग का मद चूर किया था। इसलिए इस दोष शांति के लिए श्री कृष्ण की आराधना भी श्रेष्ठ है। 28-)विद्यार्थीजन सरस्वती जी के बीज मंत्रों का एक वर्ष तक जाप करें और विधिवत उपासना करें।माँ का बीज मन्त्र हैं ॐ ऐं । 29 )एक वर्ष तक गणपति अथर्वशीर्ष का नित्य पाठ करें। इन उपायो से कालसर्प दोष से काफी मुक्ति मिलेगी ।