क्या आप जानते हैं, कि हमारी पंचांग प्रणाली के अनुसार, प्रत्येक वर्ष का एक विशिष्ट नाम होता है? और यह कि प्रत्येक नाम का एक अर्थ होता है? 60वर्षों के नाम हैं(संवत्सर)। प्रत्येक नाम 60 साल बाद फिर से बजता है। साल आमतौर पर *मध्य अप्रैल में शुरू होता है। Jyotish Acharya Dr Umashankar Mishra 9415 087 711 वर्ष 2019-20 का नाम 'विकारी' रखा गया, जो एक 'बीमारी' वर्ष बनकर अपने नाम पर खरा उतरा! वर्ष 2020-21 का नाम 'शर्वरी' रखा गया, जिसका अर्थ है अंधेरा, और इसने दुनिया को एक अंधेरे चरण में धकेल दिया! अब 'प्लावा' वर्ष (2021-22) शुरू हो रहा है। 'प्लावा' का अर्थ है, "वह - जो हमें पार कर ले। वराह संहिता कहती है: यह दुनिया को असहनीय कठिनाइयों के पार ले जाएगी और हमें गौरव की स्थिति तक पहुंचाएगी। और हमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले चलो! वर्ष 2022-23 को शुभक्रुत नाम दिया गया है, जिसका अर्थ है कि जो शुभता पैदा करता है। हम अब आगे देख सकते हैं और एक बेहतर कल की उम्मीद कर सकते हैं मानो या न मानो सनातन धर्म इस प्रकार आज तक अस्तित्व में सभी प्रणालियों का सबसे वैज्ञानिक, व्यावहारिक और समावेशी है।🙏🙏 हमारे ऋषि और मुनि सटीक भविष्यवाणी कर सकते थे कि आधुनिक समय के गैजेट और उपकरण कब मौजूद नहीं थे। विविधता और भाईचारे की भूमि से संबंध रखने पर गर्व हैl 🙏🙏